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up : हाथरस में एक और बलात्कार: 6 साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद मौत


हाथरस में दलित युवती से गैंगरेप और उसकी मौत के बाद योगी सरकार के खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने मोर्चा खोला हुआ है। ऐसे में हाथरस में बलात्कार के बाद एक और बेटी की मौत हो गई है। जिसके बाद प्रदेश में कानून व्‍यवस्‍था पर सवाल खड़े हो गए हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि इस बार दरिंदों ने 6 साल की मासूम को शिकार बनाया है।

दरअसल, 15 दिन पहले सादाबाद इलाके में 6 साल की बच्ची के साथ अलीगढ़ जिले के इगलास गांव में बलात्कार किया गया था। दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान लड़की की मौत हो गई। अपनी बेटी की मौत से गुस्साए परिवार के लोग शव को सड़क पर रखकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। परिवार की मांग है कि वे आरोपी के पकड़े जाने तक लड़की को दफन नही करेंगे और इगलास के पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया जाए। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस ने मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन परिवार का आरोप है कि पुलिस ने असली अपराधी को नहीं पकड़ा।


हाथरस में ही दलित लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार

हाथरस की एक दलित लड़की के साथ कथित सामूहिक बलात्कार मामले को लेकर पूरे देश में गुस्से और दुख का माहौल है। चंदपा थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली एक दलित लड़की के साथ चार लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया और उस पर जानलेवा हमला किया। कई दिनों तक जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ने के बाद सफदरगंज में दलित लड़की की मौत हो गई।


इसके बाद, पुलिस ने परिवार की सहमति के बिना रात में लड़की का अंतिम संस्कार किया। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद मामला इतना तूल पकड़ गया कि कांग्रेस सड़क पर आ गई और राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा से लेकर हाथरस तक के सभी नेता यात्रा करने लगे। बहुत परेशानी के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने दलित लड़की के गांव में मीडिया से नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया।


साथ ही, उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे मामले की जांच SIT को सौंप दी। हालांकि, परिवार जिला प्रशासन पर उन पर दबाव डालने का आरोप लगाता रहा। गांव में मीडिया से लेकर नेताओं तक की नो-एंट्री ने कई दिनों तक हंगामा मचाया और आखिरकार बैकफुट पर आई यूपी पुलिस ने गांव का रास्ता खोल दिया। इसके बाद परिवार वालों ने जिला प्रशासन का काम बताया।


मामले में बढ़ते राजनीतिक दबाव के बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया कि हाथरस कांड के बहाने उत्तर प्रदेश में जातीय हिंसा को भड़काने की साजिश रची जा रही थी। इसके पीछे पीएफआई का नाम लिया जा रहा है। यूपी सरकार ने उनके दावे के बाद मथुरा से चार लोगों को गिरफ्तार भी किया है।


 
 
 

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